जलवायु कार्रवाई के नज़रिये से बेहद अहम हैं अगले 15 साल
जलवायु परिवर्तन पर अन्तरसरकारी आयोग (IPCC) ने, अपनी एक नई रिपोर्ट में दुनिया पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के बारे में एक कड़ी चेतावनी जारी की है.
विशेषज्ञों का कहना है कि पारिस्थितिकी विघटन, प्रजातियों के विलुप्तिकरण, जानलेवा गर्मियाँ और बाढ़ें, ये ऐसे जलवायु ख़तरे हैं जिनका सामना विश्व को, वैश्विक तापमान वृद्धि के कारण, अगले दशकों में करना पड़ सकता है.
इस रिपोर्ट के मुख्य लेखकों में शामिल, और भारती इन्स्टीट्यूट ऑफ़ पब्लिक पॉलिसी में शोध निदेशक, डॉक्टर अंजल प्रकाश का कहना है कि अगले 10-15 वर्षों में कारगर जलवायु कार्रवाई बेहद ज़रूरी है, अन्यथा आमजन के लिये बड़े ख़तरे पैदा हो सकते हैं.
यूएन न्यूज़ हिन्दी ने डॉक्टर अंजल प्रकाश के साथ बातचीत में सबसे पहले जानना चाहा कि, जलवायु कार्रवाई, अनुकूलन और कार्बन उत्सर्जन में कटौती के नज़रिये से, इस रिपोर्ट के क्या मायने हैं...